निमंत्रण-पत्र की वर्तमान युग में प्रासंगिकता-
विवाह, जन्मदिन, सालगिराह, किसी का जन्म या मृत्यु आदि जैसे अनेक अवसर हमारे जीवनकाल में आते है। कुछ खुशी के मौके होते है और कुछ दुःख के। लेकिन लोगों को अपने दुःख या सुख में शामिल करने के लिए एक चीज की जरूरत होती है और वो है निमंत्रण पत्र।
इसका आधुनिक युग में इतना महत्व है कि अगर किसी को किसी कारणवश निमंत्रण पत्र नही मिला और उस व्यक्ति को आधुनिक संचार साधन द्वारा इस बात की जानकारी दी जाए कि अमुक अवसर पर उसको शामिल होना है तो वो आएगा नही क्योंकि उसको निमंत्रण पत्र भेजकर औपचारिकता नही निभाई गयी।
हमें यह समझना चाहए कि निमंत्रण पत्र उस युग में प्रासंगिक था जब हमारे पास एक दूसरे से बात करने के लिए संचार के साधन उपलब्ध नही थे। इसलिए निमंत्रण पत्र भेजकर ही दुख या सुख के अवसरों पर आमंत्रित किया जाता था।लेकिन आज का युग डिजिटल युग है। आज हमारे पास संचार करने के लिए बहुत से साधन है। फोन,फेसबुक, व्हाट्सएप आदि जैसे अनेक संचार साधन आज हमारी जीवन प्रक्रिया का हिस्सा हो चुके है, फलस्वरूप वर्तमान में निमंत्रण पत्र की कोई आवश्यकता नही होनी चाहिए।
साथ ही अपने इस सकारात्मक कदम से आप लाखो पेड़ों को कटने से भी बचा सकते हैं जो इन निमंत्रण पत्रों को बनाने के लिए काटे जाते हैं और पर्यावरण के संतुलन में अपना योगदान दे सकते है। अंत में यही कहूँगा कि "शुरुआत खुद से करे, तभी बदलाव की शुरुआत होगी"।
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