पटाखे प्रतिबंध पर लोगों का नज़रिया

     

सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध लगाना कुछ लोगों को इस तरह नागवार गुजरा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को अनेक सुझावों द्वारा यह बताया कि प्रदूषण को कैसे नियंत्रण में लाया जाए।दिवाली पर पटाखों को जलाने से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा DELHI- NCR मे पटाखे बेचने पर रोक लगा दी। लेकिन कुछ लोगों ने इस विषय को धार्मिक रंग देकर कुछ अलग ही अलाप छेड़ दिया, जिनमें एक प्रमुख व्यक्ति अलग ही नजर आता है क्योंकि इनके उपन्यासों के पात्र जहा एक तरफ धर्मों के बंधन तोड़ते हुए प्रेम और सदाचार की बात करते है तो वहीं वास्तविक जीवन में इस लेखक पर धार्मिकता हावी हो जाती है,इनका नाम चेतन भगत है। इनके जैसे अन्य ज्ञानी लोग भी धर्म से ऊपर नही उठ पाते।अगर इनका ये हाल है तो सामान्य लोगों से हम यह अपेक्षा कैसे कर सकते है कि ये धार्मिक उन्माद में न उलझकर उदारवाद का रास्ता अपनाएंगे।

  हमें यह मालूम होना चाहिए कि विश्व पर सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन का है, जिसके परिप्रेक्ष्य मे पेरिस जलवायु समझौता लाया गया है, जिसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम कर वैश्विक तापमान को बढ़ने से रोकना है। प्रदूषण किसी भी तरह का हो लेकिन उसके फैलने के स्रोत अनेक होते है, जिनके जिम्मेदार हम खुद ही है। हालिया मुद्दा दिल्ली में होने वाला वायु प्रदूषण है, जिसके मुख्य स्त्रोत दिल्ली के पड़ोसी राज्यो में पराली का जलाना, वाहनों व कारखानों से निकलने वाली हानिकारक गैसें, दिल्ली मे कूड़े-कचरे को जलाना, और हर्षोल्लास के अवसर पर पटाखे फोड़ना आदि है।

   दिल्ली मे वायु प्रदूषण के इन स्रोतों पर कुछ हद तक नियंत्रण लगाया गया है जैसे-पराली के जलाने पर जुर्माना या जेल भेजने का प्रावधान, वाहनों के लिए 1 अप्रैल से BS-4 लागू किया गया है, कचरे को जलाने की बजाय रीसायकल करने पर बल और पटाखों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय आदि।

    अतः इस मामले को धार्मिक रुप में न रंगे और यह समझने का प्रयास करें कि दिवाली पर पटाखों को जलाने पर फैलने वाले प्रदूषण से बच्चे व बूढ़े बीमारी की पकड़ में आसानी से आ जाते है और आपके बजट में शामिल स्वास्थ्य खर्च मे वृद्धि हो जाती है। साथ ही इस प्रदूषण से छाने वाली आसमानी धुँध से वाहनों की टक्कर होने की संभावना में तेजी से वृद्धि होती है।आपके छोटे-छोटे सहयोग से ही बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जो आपके और इस समाज के हित मे होगा।
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