महिलाएँ मनोविज्ञान व व्यवहार परीक्षण सम्बंधित क्षेत्रों में निपुण क्यों?
प्रायः महिलाओं के बारें में अक्सर यह कहा जाता है कि इनको शायद ही कोई समझ पाया हो। बड़े-बड़े ऋषि-मुनि, ज्ञानी व विद्वान लोग महिलाओं को समझने में असफल रहें हैं व इनके मन की गहराई को मापना किसी भी पुरुष की सीमाओं से परे है। महिलाएं किसी भी रहस्य को काफी समय तक बड़ी आसानी से दबाएं रख सकती है। लेकिन ऐसा क्यों हैं? इसी का वैज्ञानिक कारण खोजने का हम प्रयास करेंगें।
समग्र रूप से, महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा कहीं अधिक ग्रहणक्षम होती हैं, और उनकी इस विशेषता को सामान्य रूप से 'महिलाओं की अंतर्दृष्टि' के रूप में सन्दर्भित किया जाता है। महिलाओं में सांकेतिक प्रतीकों को पहचान कर उनका अर्थ समझने तथा सूक्ष्म सूचनाओं को भी ग्रहण करने की सहज क्षमता होती है। इसलिए कुछ ही पति अपनी पत्नियों से झूठ बोलकर बच पाने में सक्षम होते हैं, और इसके ठीक विपरीत ,महिलाएं पुरुषों को आसानी से चकमा दे जाती हैं तथा उन्हें कदाचित ही इस बात का पता चलता है।
अधिकांश महिलाओं के मस्तिष्क की बनावट उन्हें संसार के किसी भी पुरुष को सवांद कला में पीछे छोड़ जाने में सक्षम बनाती है। MRI brain scans से यह परिलक्षित होता है कि महिलाओं में पुरुष की अपेक्षा लोगों से सवांद करने और उन्हें परख पाने की क्षमता कहीं अधिक क्यों होती है। महिलाओं के मस्तिष्क में 14 से 16 क्षेत्र लोगों के व्यवहार की परख करने के लिए प्रयुक्त होते है जबकि पुरुषों के मस्तिष्क में ऐसे क्षेत्रों की संख्या 4 से 6 ही होती है।
यहीं कारण है कि महिलाएं मनोविज्ञान व व्यवहार से संबंधित क्षेत्रों में निपुण होती हैं।
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