गणित का महत्व


          विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक प्लेटो ने अपनी अकादमी के दरवाजे पर लिखा हुआ था कि "गणित के ज्ञान से शून्य व्यक्ति इसमें प्रवेश न करें"। अब आप सोच रहे होंगे कि एक दार्शनिक अपने विद्यार्थियों से गणित के ज्ञान की अपेक्षा क्यों कर रहा था। इसके दो कारण हो सकते है; पहला यह कि उस समय गणित, खगोलशास्त्र, व दर्शन अलग-अलग विषय न होकर एक ही विषय थे और दूसरा यह कि गणित ही एक ऐसा विषय है जो मस्तिष्क की कसरत करता है।
          अगर आपको मस्तिष्क की तर्कशक्ति व  स्मरणशक्ति को बढ़ाना है तो गणित इसमें सहायक हो सकता है। इतिहास ऐसे महान लोगों से भरा हुआ है जो अपने किसी विषय क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल किए हुए थे लेकिन गणित में भी रुचि रखते थे। जैसे-नेपोलियन एक महान सेनापति था लेकिन वह भोजन के बाद प्रतिदिन विद्वानों के साथ बैठकर गणित पर चर्चा किया करता था। आर्किमिडीज की मृत्यु तो गणित प्रेम के कारण ही हुई थी,क्योंकि उनकी किसी बात से नाराज होने कारण रोम के राजा ने अपने सिपाहियों को आर्किमिडीज को बुलाने भेजा लेकिन उस समय आर्किमिडीज कोई गणित हल कर रहे थे।सिपाहियों पर आर्किमिडीज ने कोई ध्यान नही दिया। जब सिपाहियों ने चिल्लाकर उनसे साथ चलने के लिए कहा तो आर्किमिडीज ने यह बोलकर चलने से मना कर दिया कि "मेरे पास अभी समय नही है, मुझे अभी एक गणित समस्या हल करनी है"। यह बात सिपाहियों को नागवार गुजरी और उनको वहीं तलवार से खत्म कर दिया। भारत की प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी के बारे में कहा जाता है कि वह प्रतिदिन सुबह गणित की पज़ल सॉल्व करती थी।
             अतः अगर आपको सचमुच ज्ञान के मंदिर में प्रवेश करना चाहते हो तो गणित का अभ्यास करने की कोशिश करें।इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि गणित आपका विषय है या नहीं।

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