चार्ली 777


कलयुग के ‘धर्मराज’ की रुला देने वाली कहानी -

फिल्म ‘777 चार्ली’ एक इमोशनल कहानी है। ये यात्रा है एक इंसान की अपने पालतू को उसकी खुशियां दिलाने की। कहानी का नायक कुछ कुछ ‘कबीर सिंह’ जैसा है। फैक्ट्री, घर, बीयर, इडली, सिगरेट...बस यही उसकी जिंदगी है। चेहरे पर कोई भाव नहीं। गली से निकल जाए तो बच्चे भी डरते हैं। अगर कोई बच्चा खाना खाने से मना करता है तो उसकी मां बोलती है कि बेटा खा ले, वरना हिटलर मामा आ जायेगा।😅

एक बेघर-लावारिस कुत्ता धर्मा (नायक) के दरवाजे पर आकर रुक जाता है। धर्मा उस कुत्ते को भगाने की लाख कोशिश करता है पर कामयाब नहीं होता। यहीं से शुरू होता है दोनों का साथ और दिल को छू लेने वाला यह सुंदर सफर। 

फिल्म उन लोगों की आंखें खासकर खोलती है जो कुत्तों से नफरत करते हैं। फिल्म के हीरो हैं रक्षित शेट्टी की। वह फिल्म के निर्माता भी हैं। कभी रश्मिका मंदाना से दिल लगाने वाले रक्षित ने ये फिल्म बहुत दिल से बनाई है। हिंदी सिनेमा बनाने वालों की नजर उन पर पड़ी तो जल्द ही वह किसी हिंदी फिल्म में दिख सकती हैं।

फिल्म थोड़ी लंबी भी है लेकिन फिल्म के निर्देशक ने जो कुछ भी फिल्म में रखा है, वह बोर नहीं करता, हां आपको बीच बीच में फोन चेक कर लेने का मौका जरूर देता है। यह फिल्म आपको रुलाएगी भी खूब और चेहरे पर मुस्कान भी कई बार लाएगी।

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