क्या भगवान है?
कुछ सालों पहले तक मुझे भी लगता था कि ईश्वर है और जो ईश्वर को नही पूज रहा है वह सबसे बड़ा पापी है। लेकिन जैसे-जैसे इतिहास और दर्शन पढ़ा तब समझ आया कि ईश्वर जैसा कुछ होता ही नही। यह सब तो मनुष्य के मस्तिष्क की उपज है।
हर धर्म अपनी व्याख्या देता है कि ईश्वर ऐसा है, वैसा है। लेकिन किसी को कुछ नही पता। सब धर्म बस ऐसे ही हाँक रहे हैं। किसी के पास कोई तथ्य नही। हर धर्म बोलता है कि तर्क मत करो सिर्फ विश्वास रखो। अगर तर्क की तराजू पर धर्मों को तौला जाएं तो हर धर्म मिट्टी में मिल जाएगा।
मुझे लगता है कि ईश्वर का अस्तित्व सिर्फ एक थेरेपिस्ट की भूमिका निभाने के लिए है। लोग इस थेरेपिस्ट से अपने मन की बात कर सकते हैं, बिना किसी संकोच के। क्योंकि उनको पता है कि ईश्वर उनके राज किसी को नही बतायेगा। मनुष्य इस थेरेपिस्ट पर अपने बुरे दिनों में यह विश्वास कर सकता है कि एक दिन सब ठीक हो जायेगा क्योंकि उसे लगता है कि ईश्वर उसके साथ है। ईश्वर से उन्हें आशा मिलती है, जब उन्हें चारों और से निराशा मिल रही होती है। उन्हें हिम्मत मिलती है, जब उनकी हिम्मत टूट रही होती है। अन्याय से लड़ने की शक्ति मिलती है, जब उनके साथ हर कोई अन्याय कर रहा होता है। जब किसी गरीब के साथ हर कोई अन्याय कर रहा होता है तो उसे यह विश्वास होता है कि ईश्वर उसकी मदद जरूर करेगा चाहे कोई और करे या ना करे। इस दुःखमय जीवन को जीने की प्रेरणा मिलती है, जिसमें हजारों तरह के दुख हैं।
ईश्वर मनुष्यों को यह जो आशा देता है, यही है जो इसका अस्तित्व बनाये हुए है। जब तक यह आशा उन्हें मिलती रहेगी तब तक वे ईश्वर के अस्तित्व के झूठ को जानते हुए भी इसके बारे में अनजान बने रहेंगें। जिस दिन उन्हें यह आशा देने वाला कोई और मिल गया, उस दिन उनके जीवन मे ईश्वर की भूमिका नही रहेगी। मुझे लगता नही कि इस धरती से ईश्वर का वजूद कभी मिट सकेगा क्योंकि ईश्वर कोई व्यक्ति नही, कोई शक्ति नही, सिर्फ एक आशा की किरण है और यह किरण हर व्यक्ति अपने जीवन मे अवश्य चाहता है।
इसलिए अग़र यह माना जाए कि ईश्वर एक व्यक्ति है, एक शक्ति है तो मैं यह कहना चाहूंगा कि ईश्वर का इस दुनिया मे कोई वजूद नही और जो भी ईश्वर के इस स्वरूप को मानता है वह सिर्फ अपने आप को धोखा देने के अलावा कुछ नही कर रहा है। और अगर कोई ईश्वर को आशा की एक किरण मानता है, उसे एक थेरेपिस्ट की तरह देखता है तो मैं कहूंगा कि ईश्वर है और इस ईश्वर की जरूरत भी है और इसका वजूद बहुत समय तक रहने वाला है।
Comments
Post a Comment
Thank you for comment