औरंगजेब के हिन्दू विरोधी कार्य
औरंगजेब के शासनकाल (1658-1707) में कई नीतियाँ और कार्य ऐसे थे, जिन्हें हिंदू विरोधी माना जाता है। हालाँकि कुछ लोग इन्हें राजनीतिक और प्रशासनिक कदम मानते हैं, फिर भी ये कार्य हिंदू समाज को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते थे। मुख्य हिंदू विरोधी कार्य निम्नलिखित थे—
1. जज़िया कर पुनः लागू करना (1679)
अकबर ने जज़िया कर (ग़ैर-मुस्लिमों पर लगने वाला कर) हटा दिया था, लेकिन औरंगजेब ने इसे 1679 में फिर से लागू कर दिया। यह हिंदू व्यापारियों और आम जनता पर एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ था।
2. मंदिरों का विध्वंस
औरंगजेब के शासनकाल में कई प्रसिद्ध हिंदू मंदिर तोड़े गए, जिनमें प्रमुख हैं—
काशी विश्वनाथ मंदिर (बनारस) – इसे तोड़कर वहाँ ज्ञानवापी मस्जिद बनवाई गई।
केशवदेव मंदिर (मथुरा) – इसे नष्ट कर उसके स्थान पर ईदगाह बनवाई गई।
सोमनाथ मंदिर (गुजरात) – इसे भी निशाना बनाया गया।
राजस्थान और अन्य राज्यों में भी कई मंदिरों को ध्वस्त किया गया।
3. हिंदू उत्सवों और परंपराओं पर रोक
दीवाली, होली, दशहरा जैसे हिंदू त्योहारों को मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
संगीत, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को भी प्रतिबंधित किया गया।
4. सरकारी नौकरियों में भेदभाव
हिंदुओं को उच्च प्रशासनिक पदों से हटाया गया और मुसलमानों को प्राथमिकता दी गई।
मराठा, राजपूत और अन्य हिंदू जातियों की शक्ति को दबाने के लिए कठोर नीतियाँ अपनाई गईं।
5. जबरन धर्म परिवर्तन और दमन
कई हिंदुओं को जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया।
गुरु तेग बहादुर (सिखों के नौवें गुरु) का सिर काट दिया गया क्योंकि उन्होंने हिंदुओं के धर्म की रक्षा के लिए आवाज़ उठाई थी।
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी और उनके पुत्र संभाजी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया गया। संभाजी को बंदी बनाकर यातनाएँ दी गईं और उनकी हत्या कर दी गई।
6. हिन्दू राजाओं पर हमले
मेवाड़, मारवाड़ और अन्य हिंदू राजाओं के राज्यों पर आक्रमण किया गया।
राजस्थान के राठौर और सिसोदिया राजपूतों के खिलाफ अभियान चलाए गए।
मराठा शक्ति को कुचलने के लिए शिवाजी और उनके उत्तराधिकारियों के खिलाफ लगातार युद्ध किए गए।
7. संस्कृत और हिंदू शिक्षा पर प्रभाव
हिंदू विद्यालयों और गुरुकुलों को बंद कराया गया या उन पर कठोर नियंत्रण लगाया गया।
संस्कृत ग्रंथों और हिंदू धार्मिक पुस्तकों के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाई गई।
निष्कर्ष
औरंगजेब की नीतियाँ हिंदू समाज के लिए दमनकारी थीं, जिससे उनके शासनकाल में हिंदू-मुस्लिम संबंधों में खटास आ गई। इसके चलते मराठों, राजपूतों और सिखों ने उनके खिलाफ विद्रोह किया, जो आगे चलकर मुगल साम्राज्य के पतन का कारण बना।
Comments
Post a Comment
Thank you for comment