पहला वेतन
सोचता है उन रुपयों से घर वालों के लिए गिफ्ट और मिठाई खरीदेगा। मां के लिए साड़ी, पापा के लिए कुर्ता, बहन के लिए सूट और भाई के लिए एक सुंदर सी घड़ी। गिफ्ट्स को देखकर उनके चेहरे पर जो खुशी का भाव आएगा वही उसकी उस तपस्या का फल होगा, जिसे वह वर्षों से कर रहा था।
कभी सोचता है कि उन रुपयों से सबसे पहले वह अपनी उधारी चुकाएगा और उन लोगों को शुक्रिया कहेगा जिन्होंने उसे उस वक्त मदद की जब वह कुछ नहीं था।
सोचता है उन रुपयों से दोस्तों को पार्टी देगा। उन दोस्तों को जो उसका दूसरा परिवार बने, भूख लगने पर खाना खिलाया, रुपए खत्म होने पर रुपए दिए, पढ़ाई में कॉन्सेप्ट्स क्लियर किए , निराशा के क्षणों में आशा बंधाई और जो असफलता के दिनों में साथ रहे।
कभी सोचता है कि वह सबसे पहले एक नया मोबाइल लेगा। अब तक राम - नाम पर चल रहे उस मोबाइल को तिलांजलि देगा जिसकी स्क्रीन टूटी हुई है, वॉल्यूम का बटन काम नहीं कर रहा और कैमरा खराब है।
सोचता है अपने लिए एक बाइक लेगा। एक युवक के जीवन में तीन ही दिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। पहला जब उसे पहली प्रेमिका मिलती है, दूसरा जब उसकी पहली जॉब लगती है, और तीसरा जब वह अपनी पहली बाइक लेता है। वाहन स्वतंत्रता का प्रतीक हैं। यह तुम्हे आत्मविश्वास और आज़ादी का अनुभव देता है। तुम इससे कहीं भी और कभी भी अपनी मर्जी से जा सकते हो। लंबा रस्ता हो, पीठ पर बस्ता हो, हल्की सी बारिश हो रही हो, ठंडी हवा तुम्हारे चेहरे को स्पर्श कर रही हो, और चारों ओर हरियाली लिए हुए खेत हों। यही तो है स्वर्ग। जब मन हो लॉन्ग राइड पर निकल जाओ और अपने विचारों के साथ वक्त बिताओ।
कभी सोचता है कि प्रेमिका को महंगी जगह घुमाने और खिलाने ले जायेगा। मॉल में मूवी दिखाएगा। वही प्रेमिका जिसने तब साथ दिया जब उसकी जेब खाली थी, जो अब तक टपरी की चाय में ही खुश थी, एक गुलाब का फूल उसके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए काफी था। पत्नियां हमारी सफलता का प्रतीक होती हैं जबकि प्रेमिकाएं संघर्ष की साथी।
यही सब सोच वह पढ़ने बैठ जाता है या पढ़ते - पढ़ते फिर सोचने लगता है।
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